1/24/2016

About Steve Jobs life in Hindi

स्टीव जॉब्स(Steve Jobs)

Steve Jobs
Steve Jobs
दुनिया भर में एप्पल कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में सुप्रसिद्ध स्टीव जॉब्स(Steve Jobs) का जन्म 24 फरवरी 1955 को कैलिफ़ोर्निया, अमेरिका में हुआ था। स्टीव जॉब्स(Steve Jobs) अमेरिका के धनी व्यक्तियों में से के थे| लेकिन स्टीव जॉब्स(Steve Jobs) ने ऊंचाई का यह मुकाम ऐसे ही नहीं छु लिया, इसके लिए उन्हें दिन-रात का कठोर संघर्ष करना पड़ा| स्टीव जॉब्स(Steve Jobs) अपने माता-पिता की एक गोद ली हुई संतान थे| जॉब्स अपनी शिक्षा के वर्षो में आर्थिक तंगी को दूर करने के लिए गर्मी की छुट्टीयों में में कार्य करते थे|

जॉब्स ने 1972 में पोर्टलैंड शहर के रीड नामक कॉलेज से अपनी स्नातक की शिक्षा पुरी की। पढ़ाई के दौरान आर्थिक तंगी की वजह से स्टीव जॉब्स(Steve Jobs) को अपने मित्र के कमरे में ज़मीन पर सोकर रात बितानी पड़ती थी। वे कोल्ड ड्रिंक की बोतलो को बेचकर अपने भोजन के लिए पैसो का इंतजाम किया करते थे और उनके घर के पास में बने भगवान् कृष्ण के मंदिर सप्ताह में एक बार लगने वाले लंगर में मिलने वाला मुफ़्त भोजन भी करते थे। जॉब्स ने अपने कठिन परिश्रम की बदोलत 5 मिलियन डॉलर से अधिक की संपत्ति अर्जित की थी और अमेरिका देश के 43वे सबसे अमीर  व्यक्ति होने का गौरव प्राप्त किया था।

जॉब्स का भारत देश के प्रति बहुत अधिक आकर्षण था और इसलिए वे  आध्यात्मिक ज्ञान को प्राप्त करने के लिए भारत की यात्रा पर आये और अपना धर्म परिवर्तन कर बौद्ध धर्मी बन गए। जॉब्स ने 1991 में लोरेन पॉवेल से विवाह  किया था।

शुरुआती दिन (Biography of Steve Jobs)

स्टीव जॉब्स(Steve Jobs) एक बिन ब्याही माँ की संतान थे, इसी कारण से उनकी माँ ने उन्हें गोद देने का फैसला किया था| स्टीव को  कैलिफोर्निया शहर के पॉल रेनहोल्ड जॉब्स और क्लारा जॉब्स ने गोद लिया था।

जब जॉब्स की आयु सिर्फ पांच वर्ष थी तो स्टीव जॉब्स अपने पूरे परिवार के साथ सैन फ्रांसिस्को शहर से माउंटेन व्यू, कैलिफोर्निया स्थित जगह पर चले गए थे। उनके पिता एक मैकेनिक का काम किया करते थे और अपने बेटे, स्टीव जॉब्स(Steve Jobs)  को इलेक्ट्रॉनिक्स से सम्बन्धित सभी  ज्ञान दिया करते थे| वहीं दूसरी ओर उनकी माँ एक अकाउंटेंट का काम करती थी और स्टीव को लिखना, पढ़ना सिखाती थी।

जॉब्स की प्राथमिक शिक्षा मोंटा लोमा प्राथमिक विधालय हुई और उसके बाद   उन्होंने आगे की अपनी शिक्षा कूपर्टीनो जूनियर हाई तथा होम्स्टेड हाई स्कूल से प्राप्त की थी। उसके बाद उन्होंने रीड कॉलेज में दाखिला लिया था लेकिन यहाँ पढने में उनकी आर्थिक स्थिति उनके आड़े आ गयी और जॉब्स को अपनी शिक्षा बीच में ही रोकनी पड़ी थी|

व्यवसाय

स्टीव जॉब्स(Steve Jobs) ने अपने व्यवसाय के शुरुआती दिनों में एक तकनीशियन के रूप मे कार्य किया था। उसके बाद आध्यात्मिक शक्तियों के ज्ञान को गहराई से जानने की तीव्र इच्छा ने जॉब्स को भारत आने के लिए प्रेरित किया| इसीलिए जॉब्स अपने कुछ दोस्तों को साथ में लेकर कारोली बाबा से मिलने के लिए भारत देश में आए। किन्तु जब स्टीव जॉब्स(Steve Jobs) भारत आकर कारोली बाबा के आश्रम में पहुचे तो बाबा मृत्यु को प्राप्त कर चुके थे| उस के बाद जॉब्स हैड़खन बाबाजी से मिलने गए| हेडखन बाबा से मिलने के कारण ही जॉब्स हमारे भारत देश मे लगभग सात महीने तक रहे| 

इस समय के दोरान वह दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश मे रहे| सात महीने भारत में बिताने के बाद जॉब्स का जीवन परिवर्तन हो गया उन्होंने अपना सिर मुंडवा लिया था| जॉब्स ने भारतीय वेशभूषा को पहनना प्रारंभ कर दिया और बोद्ध धर्म को अपना लिया|

सन् 1976 मे जॉब्स और वोज़नियाक donओ ने साथ में एक कंप्यूटर व्यवसाय की स्थापना की, जिसका नाम उन्होने "एप्पल कंप्यूटर कंपनी" रखा। शुरु के दिनों में वे एप्पल कंप्यूटर कंपनी के नाम से सर्किट बोर्ड आदि को बेचा करते थे।

एप्पल कंप्यूटर(Apple Computer)

सन् 1976 में, स्टीव जॉब्स(Steve Jobs) और उनके मित्र वोज़नियाक ने मेकिनटोश एप्पल  कंप्यूटर-1 का आविष्कार कर दिया ।

स्टीव जॉब्स(Steve Jobs) का निधन(Steve jobs death)

सन् 2003 मे स्टीव जॉब्स(Steve Jobs) को कैन्सर की गंभीर बीमारी हो गयी थी। वह इस बीमारी को जानने के बाद भी दिन-रात काम करते रहे और अपनी इस जानलेवा बीमारी को नज़रंदाज़ करते रहे। जॉब्स की हालत बिगडती चली गयी वह बहुत कमजोर हो गए थे| 8 साल तक इस बीमारी से लड़ते हुए और सफलता की नयी ऊँचाइयों को छुते हुए, 5 अक्टूबर 2011 को, यह तकनीकी जगत का बुलंद सितारा हम सब को हमेशा के लिए अलविदा कर गया| उनके निधन का शोक पूरे अमेरिका के साथ-साथ पूरे विश्व भर में हुआ| वे अपने पीछे एप्पल इंक की मजबूत धरोहर और अपने परिवार में  अपनी पत्नी के साथ-साथ अपने तीन बच्चों को छोड कर गये हैं।

Power of Steve Jobs

आओ स्टीव जॉब्स(Steve Jobs) के बहुमूल्य विचारो में उनके अन्दर निहित शक्ति की खोज करे और उनकी शक्तियों को अपने अन्दर महसूस कर अपने शरीर में नयी ऊर्जा का संचार करें|

स्टीव जॉब्स(Steve Jobs) के बहुमूल्य विचार(Steve Jobs Quotes in Hindi)

Quote 1 : आओ आने वाले कल की सोचो, बीते कल की चिंता न करते हुए कुछ नया करे |

Quote 2 : जीवन बहुत छोटा है, व्यर्थ का सोच विचार करना बेकार हैं| अपना लक्ष्य बना लो और आगे बढ़ते रहो|  

Quote 3 : किसी भी प्रोडक्ट का डिज़ाइन उसके बाहरी रूप से न होकर उसकी कार्य प्रणाली पर निर्भर करता हैं|

Quote 4 :  यह निश्चय करना सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण है कि आपको अपने जीवन में क्या करना है। 

Quote 5 : स्टीव जॉब्स(Steve Jobs) कहते थे कि जब मुझे यह पता चल गया था कि मेरे जीवन के कुछ ही दिन शेष बचे हैं| तब मुझे यह आभास हुआ कि मेरे पास समय बहुत कम हैं और काम बहुत अधिक| इस प्रेरणादायी विचार ने मुझे अनवरत कठोर परिश्रम करने का साहस दिया|   

Quote 6 : हमेशा अपने प्रोडक्ट की गुणवत्ता पर ध्यान दीजिये| प्रोडक्ट की बिक्री इसी बात पर निर्भर करती हैं|

Quote 7 : अच्छा प्रोडक्ट बाज़ार में हमेशा बिकता रहेगा|

Quote 8 : अगर आप कुछ  महान कार्य करने की इच्छा रखते हैं तो अपने काम से प्यार करे।

Quote 9: कभी कभी ज़िंदगी आपका बहुत कड़ा इम्तिहान लेती है। पर विश्वास का दामन मत छोड़ना।

Quote 10 : आपका ध्यान प्रोडक्ट की बिक्री कर उससे लाभ कमाने पर नहीं होना चाहिए बल्कि प्रोडक्ट की गुणवत्ता पर होना चाहिए|

Quote 11 : रातो रात मिलने वाली सफलता की कहानियो के पीछे सेकड़ो दिन और रातो की कड़ी मेहनत हैं|


Quote 12 :अपने क्षेत्र में कुछ नया करने के लिए आप भूखे और मुर्ख बने रहो। 

1/11/2016

About Bill Gates life in Hindi

बिल गेट्स(Bill Gates):

Bill Gates
Bill Gates
बिल गेट्स(Bill Gates) का नाम कंप्यूटर जगत में शीर्ष पर हैं| वह दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति हैं | बिल गेट्स(Bill Gates) का जन्म 28 अक्तूबर 1955 में सीएटल, वाशिंगटन, अमेरिका देश के एक धनी परिवार में हुआ था| उनके परदादा राज्य की विधानसभा के सदस्य और मेयर थे| उनके दादा एक राष्ट्रीय बैंक के उपाध्यक्ष थे और उनके पिता एक प्रसिद्ध वकील थे| बिल गेट्स(Bill Gates) को महत्वकांक्षा, बुद्धि और प्रतिस्पर्धा जैसे गुण विरासत में ही मिले थे|   

अपने बाल्यकाल में बिल अपने स्कूल में एक अपवाद थे और बहुत जल्दी ही उन्होंने सभी विषयों मुख्य रूप से गणित और विज्ञान में पारंगत हासिल कर ली थी| उनके माता-पिता ने अपने बेटे की क्षमता को पहचान लिया और लेकसाइड में एक प्राइवेट स्कूल में उनका दाखिला करा दिया| इस स्कूल का नाम लेक साइड प्रेप स्कूल था| उनके माता-पिता का यह निर्णय बिल गेट्स(Bill Gates) के जीवन में एक बहुत ही महत्तवपूर्ण बिंदु साबित हुआ| उनके जीवन के निर्माण में इस स्कूल का बहुत ही बहुत बड़ा योगदान हैं| इस स्कूल में ही बिल गेट्स(Bill Gates) ने पहली बार कंप्यूटर को देखा था, जो बाद में उनका जुनून बन गया|

बिल गेट्स(Bill Gates) का कंप्यूटर के प्रति बहुत आकर्षण था| वह हमेशा कंप्यूटर के बारे में ही सोचते रहते थे| कंप्यूटर से जुडी सभी जानकारियां हासिल करने में हमेशा प्रयासरत रहते थे| वह अपने मित्र पॉल एलेन और उनके स्कूल के कुछ छात्रों के साथ घंटो कंप्यूटर कक्ष में बिताते थे| कंप्यूटर में इतनी अधिक रूचि के कारण उनकी अन्य विषयों से आकर्षण बहुत ही कम हो गया| बिल अपने गृह कार्य को बहुत देर से करने लगे और अपनी अन्य विषयों की कक्षाए भी छोड़ने लगे|

बिल देर रात तक कंप्यूटर पर कार्य में लगे रहते थे| और अपनी कक्षा में सो जाते थे| वह खुद का व्यापार स्थापित करने के लिए अपने मित्र पॉल से विचार विमर्श करते रहते थे| पॉल एलेन हमेशा बिल गेट्स(Bill Gates) को एक सॉफ्टवेयर कंपनी खोलने के लिए प्रेरित करते रहते थे|

माइक्रोसॉफ्ट(Microsoft) का निर्माण

दिसंबर 1974 के दिन थे| एलेन बिल गेट्स(Bill Gates) से मिलने के लिए जा रहे थे| रास्ते में पॉल की नज़र कुछ पत्रिकाओं पर पड़ी| उन पत्रिकाओ में से एक पत्रिका पर लिखा था कि “पॉपुलर इलेक्ट्रॉनिक्स: वर्ल्डस फर्स्ट माइक्रो कंप्यूटर किट टू राइवल कमर्शियल मॉडल्स”| एलेन ने इस पत्रिका को बिल गेट्स(Bill Gates) को दिखाया और दोनों ने यह महसूस किया कि घरेलु कंप्यूटरों का बाज़ार बहुत ही तेजी से विकसित होने वाला है| और इन कंप्यूटरों से इच्छित कार्य करने के लिए सॉफ्टवेयर की जरूरत तो पड़ेगी ही| 

इस एक विचार से ही माइक्रोसॉफ्ट(Microsoft) के निर्माण की नीव रखी| बिल गेट्स(Bill Gates) और पॉल एलेन कंप्यूटर प्रोग्रामिंग में माहिर थे| उन्होंने बेसिक(BASIC) नाम की प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को लिख दिया| जिसे अल्तेयर नामक कंप्यूटर सिस्टम पर इस्तेमाल किया जा सकता था| इसके बाद उन्होंने डॉस(DOS) का निर्माण किया|

विंडोज(Windows) का निर्माण     

1980 के दशक में माइक्रोसॉफ्ट(Microsoft) के इतिहास में एक स्वर्णिम युग की शुरुआत हुई| विंडोज में ग्राफिकल यूजर इंटरफ़ेस का इस्तेमाल किया गया था| डॉस(DOS) में जहाँ कमांड लाइन इंटरफ़ेस का इस्तेमाल किया गया था अर्ताथ कंप्यूटर से कुछ कार्य कराने के लिए कमांड को लिखना होता था| विंडोज में सभी कुछ ग्राफ़िक्स पर निर्भर था अर्ताथ यदि आप को कंप्यूटर को कोई निर्देश देना है तो कोई भी कमांड लिखने की जरूरत नहीं हैं सिर्फ स्क्रीन पर दिखाई देने वाली ग्राफ़िक्स पर क्लिक करने मात्र से ही कमांड प्रेषित हो जाती है|

विंडोज के आज तक बहुत से संस्करण मार्किट में आ चुके हैं| सबसे नया संस्करण विंडोज 10 के रूप में मार्किट में आ चुका हैं| विंडोज ने कंप्यूटर का इस्तेमाल बहुत ही आसान बना दिया है|

बिल गेट्स(Bill Gates) का विवाह और पारिवारिक जीवन

बिल गेट्स(Bill Gates) का विवाह 1 जनवरी सन 1994 को टेक्सास की डलास निवासिनी मेलिंडा(Melinda) से हुआ था| बिल गेट्स(Bill Gates) और मेलिंडा(Melinda) के तीन बच्चे हैं| पहला बच्चा जेनीफर केथरीन का जन्म सन 1996 में हुआ था, दूसरे  बच्चे का जन्म रोजी जॉन जिसका जन्म वर्ष सन 1999 हैं| उसके बाद सन 2002 में फोयबे अडली का जन्म हुआ था| बिल गेट्स(Bill Gates) का मकान इस दुनिया के सबसे महंगे घरो में से एक हैं| उनका यह घर वाशिंगटन झील के किनारे हैं| बिल ने यह घर सन 1994 में एक नीलामी में 308 डॉलर में ख़रीदा था|

बिल गेट्स की शक्तियां (Power of Bill Gates)

एक उधमकर्ता

बिल गेट्स(Bill Gates) आज संसार के सबसे सफल व्यवसायी हैं| वे दुनिया में सबसे तेजी से विकसित हो रही कंपनी के प्रमुख भी थे| बिल गेट्स(Bill Gates) इस उधोग में उस समय से जुड़ गए थे जब वह स्कूल में पढ़ते थे| उसी समय से सॉफ्टवेयर बनाकर पैसा कमाना शुरू कर दिया था| उनकी पहली कंपनी का नाम ‘ट्राफ़-ओ-डाटा’ थे| उन्होंने अपनी इस कंपनी में एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया था जो शहर के यातायात की गिनती कर सकता था| सन 1975 में उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट(Microsoft) की स्थापना की| उस समय बिल की आयु सिर्फ 19 वर्ष थी| उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट(Microsoft) के शुरुआती दिनों में ही डॉस का निर्माण कर दिया था| यह एक ऐसा कमांड बसे ऑपरेटिंग सिस्टम था जिसका आज भी इस्तेमाल किया जाता हैं|

श्रमशील

बिल गेट्स(Bill Gates) एक अत्यंत परिश्रमी व्यक्ति के रूप में जाने जाते हैं| सॉफ्टवेयर संसार उनके योगदान से अच्छी तरह परिचित है| उन्होंने अपने स्कूल के दिनों में अपने प्रिंसिपल को एक ऐसा सॉफ्टवेयर बना कर दिया था जो बड़ी आसानी से स्कूल की समय सारणी को सुव्यवस्थित कर सकता था| बिल गेट्स(Bill Gates) बहुत ही कठिन परिश्रम करने वाले व्यक्ति है| बिल गेट्स(Bill Gates) कहते है यदि आप किसी को कोई भी शिक्षा देते है तो पहले आप को उस पर खुद भी अमल करना चाहिए| बिल गेट्स(Bill Gates) समस्याओं से प्रेरणा लेकर उन पर विजय प्राप्त करते हुए आगे बढ़ते रहे| अपने सपनो को साकार  करने के लिए बिल गेट्स(Bill Gates) माइक्रोसॉफ्ट(Microsoft) की स्थापना से पांच वर्षो तक लगातार 16 घंटे प्रतिदिन कार्य करते रहे| बिल गेट्स(Bill Gates) की कड़ी मेहनत करने की आदत से उनके मित्र उनका सम्मान करते हैं और उनके प्रतिस्पर्धी उनसे डरते है|

मुक्त हस्त खर्च

बिल गेट्स(Bill Gates) मुक्त हाथो से खर्च करने वाले व्यक्ति हैं| उनके पास दुनिया की सबसे महंगी कारो का एक बहुत बड़ा बेडा है और वह एक आलिशान महल में रहते है| बिल गेट्स(Bill Gates) हर वर्ष करोडो रूपये दान में देते है|

आकर्षक व्यक्तित्व

बिल गेट्स(Bill Gates) एक आकर्षक व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति हैं| वह सदा मुस्कुराते रहते हैं| यधपि बिल गेट्स(Bill Gates) बहुत ही साधारण वस्त्र पहनते हैं लेकिन इस वेशभूषा में भी वह बहुत ही आकर्षक दिखाई देते है|

लोक हितेषी

सन 2000 मे बिल गेट्स(Bill Gates) और उनकी पत्नी मेलिंडा(Melinda) ने ‘बिल और मेलिंडा(Melinda) गेट्स फाउंडेशन’ की स्थापना की| यह एक लोकहितकारी संसथान है, जो गरीब अल्पसंख्यको को कॉलेज में अध्ययन के लिए छात्रवृति, एड्स से बचाव, विकाशशील देशो में फैले रोगों के उपचार आदि के लिए धर्न्राशी उपलब्ध करने के लिए अनुदान प्रदान करती है|

बिल और मेलिंडा(Melinda) गेट्स प्रतिष्ठान

बिल और मेलिंडा(Melinda) गेट्स प्रतिष्ठान ने सन 2000 में अपनी स्थापना के बाद से ही संसार में असमानताओ को दूर करने अवं लोगो के जीवन में सुधर करने के लिए कार्य करना शुरू कर दिया है, क्योंकि बिल यह विश्वास करते हैं की प्रत्येक जीवन महत्तवपूर्ण है|

Bill Gates Quotes in Hindi

Ø बिल गेट्स(Bill Gates) कहते हैं कि व्यवसायी को कई मामलो में एक साथ हाथ डालने चाहिए|
Ø व्यक्ति को सीखना कभी भी बंद नहीं करना चाहिए|
Ø वह कहते हैं हम किसी भी कार्य को करने में कभी भी उतावला नहीं होना चाहिए बल्कि कार्य को पूरा करने की गति तेज होनी चाहिए|
Ø हमेशा व्यग्र होकर जरूरी कार्यो को निपटाना चाहिए| खाली बैठ कर समय व्यर्थ नहीं करना चाहिए|
Ø जिस भी विषय में आपका ज्ञान सबसे अधिक हैं आपको उसी क्षेत्र में रहना चाहिए|
Ø हमेशा अपनी गलतियों से सीख लेनी चाहिए|
Ø कुछ समय चिंतन के लिए भी निकलना चाहिए|
Ø जरूरी कार्यो को करने में आप देर तो कर सकते हैं पर उन्हें निपटाए जरूर|
Ø अगर आप गरीब पैदा हुए हैं तो इसमें आपकी कोई भी गलती नहीं हैं लेकिन अगर आप गरीब मर गए तो यह सिर्फ आपकी अपनी गलती है|  

1/03/2016

About Sai Baba life in Hindi

शिरडी के साईं बाबा (Shirdi ke Sai Baba)

Sai Baba Photos
Sai Baba

साईं बाबा(Sai Baba) का जन्म 28 सितंबर 1835 को पाथरी, महाराष्ट्र में बताया जाता हैं लेकिन इस बात का कोई पुख्ता सबूत नहीं हैं| साईं बाबा(Sai Baba) एक महान संत थे| यधपि साईं बाबा(Sai Baba) एक  फकीर की वेशभूषा में रहते थे लेकिन वे तो तीनो लोको के ज्ञाता थे और पुरी दुनिया में सतगुरु के नाम से विख्यात हैं|  साईं नाथ को समाधि लिए अब सौ वर्ष होने वाले है परन्तु आज भी बाबा हम सबके बीच उपस्थित हैं| जब भी कोई भक्त साईं नाथ को दिल से याद करता हैं बाबा स्वयं उसकी सहायता करने के लिए विधमान हो जाते हैं| कई साईं भक्तो ने बाबा को अपने आस-पास महसूस किया हैं|

बाबा ने जो अखंड ज्योत अपने जीवन काल में द्वारकामाई, शिरडी में जलाई थी वह आज भी प्रजवलित है और उससे उत्पन राख, जिसे हम सब उदी कहते हैं, आज भी सभी भक्तो की रोगों और जीवन की अन्य व्याधियो में मदद कर रही हैं| बाबा ने कहा था कि जो कोई भी द्वारकामाई में कदम रखता हैं उसकी सब दुःख, सब पीड़ाओ का अंत हो जाता हैं|

साईं बाबा(Sai Baba) रोज पांच घरो से भिक्षा मांगते थे| साईं बाबा(Sai Baba) सभी धर्मो को एक समान मानते थे| उनके लिए सभी धर्मो के लोग एक समान थे| साईं बाबा(Sai Baba) ने 15 अक्टूबर 1918 को महासमाधी ले ली थी| सभी साईं भक्त साईं नाथ को अपना भगवान् मानते थे परन्तु बाबा ने कभी भी अपने को भगवान् नहीं कहा| बाबा तो अपने आप को उस मालिक(परमात्मा) का एक बंदा ही कहते थे| यधपि साईं नाथ के पास अपार शक्तिया थी परन्तु साईं बाबा(Sai Baba) ने इन शक्तियों का कभी भी घमंड नहीं किया| बाबा के द्वारा किये गए कार्य के अवलोकन से हम साईं नाथ की अदभुत शक्तियों से परिचित हो सकते हैं| साईं बाबा(Sai Baba) के ये कार्य निम्नलिखित हैं|    

Sai Baba Miracles:-

हैजा रोग का निदान:

एक बार शिरडी और शिरडी के आसपास के सभी गाँवो में हैजे का रोग फ़ैल गया| सभी गाँववासी इस रोग से पीड़ित होने लगे| तब बाबा ने अपने आप आटा चक्की से आटा पीस कर शिरडी की सीमा में फैला दिया था| ऐसा करने मात्र से ही शिरडी गाँव से हैजा रोग समूल नष्ट हो गया|

तूफ़ान को रोका

साईं बाबा(Sai Baba) जब पहली बार शिरडी में दिखाई दिए थे उस समय बाबा की आयु 15 वर्ष के बालक की थी| उस समय शिरडी में बहुत तेज तूफ़ान आया हुआ था और गाँव वाले अपनी जान बचाने को इधर से उधर भाग रहे थे| संपूर्ण मानव जीवन अस्त व्यस्त हो गया था तब ही कुछ गाँव वालो की नज़र पेड़ के नीचे खड़े हुए एक बालक पर पड़ी जो इस भयंकर तूफ़ान से बेखबर ध्यान में लीन था| अचानक वह बालक खड़ा हुआ और उसने आसमान की और दोनों हाथ कर ‘शांत’ कहा और देखते ही देखते कुछ ही समय के बाद तूफ़ान शांत हो गया| सभी गाँव वाले लोग वहां इकठ्ठा हो गए और ‘बालक साईं’ के चरणों में नतमस्तक हो गए|   

तात्या को क्षय(टीबी) रोग से  बचाया

शिरडी गाँव में बायजा माँ नाम की एक महिला रहती थी| साईं नाथ उन्हें अपनी माँ मानते थे और बायजा माँ के पुत्र तात्या को अपना छोटा भाई मानते थे| एक बार तात्या को क्षय रोग हो गया और इस रोग के होने से उनका जीवन संकट में था| तब साईं नाथ ने तात्या का रोग अपने ऊपर ले लिया और तात्या को क्षय रोग से छुटकारा दिला दिया|

पानी से दीपक जलाये

शिरडी गाँव में दीपावली का पर्व बहुत ही धूम धाम से मनाया जा रहा था| कुछ बच्चे उसी समय बाबा के पास द्वारका माई में पहुचे और बाबा से बोले कि बाबा आज दीपावली के दिन आप दिए नहीं जलाएंगे| तब बाबा ने कहा कि मेरे पास दिए जलने के लिए तेल ही नहीं हैं| यह सुनकर सभी बच्चे उदास हो गए और रोने लगे बाबा को दया आ गयी और साईं नाथ ने सभी दियो में पानी भरकर उन्हें ही प्रजव्लित कर द्वारकामाई को रोशन कर दिया|

खंड योग

बाबा की अपार शक्तियों में से एक शक्ति उनकी खंड योग करने की शक्ति थी| साईं नाथ बहुत बड़े योगी थे और वह अपने शरीर को बहुत से टुकडो में बांट कर दोबारा जोड़ देते थे| यह खंड योग क्रिया बाबा के कई करीबियों ने नजदीक से देखी हैं|

ऊँचे झूले पर शयन

बाबा ने द्वारकामाई में एक लकड़ी के तख्ते को बहुत ऊंचाई पर लटकाकर झूला बना लिया था| और उस पर चढ़ कर बाबा विश्राम किया करते थे| लेकिन सभी शिरडी वासी इस अचम्भे में थे कि साईं नाथ उस ऊँचे झूले तक पहुचते कैसे थे जबकि आस पास कोई भी सीढ़ी आदि नहीं थी|

उदी में चमत्कार

बाबा ने द्वारकामाई में धूनी प्रजव्लित की थी| इस धूनी से मिलने वाली उदी से बाबा ने बहुत से लोगो को नया जीवन दान दिया था| आज भी यह धूनी द्वारकामाई, शिरडी में प्रजव्लित है| लोग आज भी इस उदी से बाबा का आशीर्वाद निरंतर पा रहे हैं|

सांप भी फूल बन गए

शिरडी में ऐसे बहुत से लोग थे जो बाबा को पसंद नहीं करते थे| एक बार उनमे से किसी एक ने बाबा के प्राण लेने के लिए उपहार के डिब्बे में सांप रखकर भिजवा दिए| लेकिन जैसे ही बाबा ने डिब्बा अपने हाथ में लिए और सांप को हाथ में लिया वह एक फूलो की माला बन गयी|

हांडी में भोजन अपने हाथो से चलाकर पकाते थे

साईं नाथ में एक अद्भूत शक्ति यह थी की बाबा किसी भी जाति-पाति के भेदभाव से परे थे| उन्होंने तो सभी प्राणियों को एक ही द्रष्टि से देखा था| बाबा सभी लोगो को एक साथ बिठाकर भोजन करते थे| जब बाबा इस भोजन को बनाते थे तो अपने हाथो से ही पकते भोजन को चलाते थे| लेकिन ऐसा करने पर उनका हाथ नहीं जलता था|

जलती भट्टी से बच्चे को बचाया

एक बार शिरडी में एक लोहार जलती भट्टी में लोहे के पीटकर औजार बना रहा था| पास ही के एक पेड़ पर एक पालने में उसका बच्चा लेटा हुआ था|  अचानक उसका छोटा बच्चा पालने से गिरकर भट्टी में गिरने ही वाला था तो साईं नाथ ने द्वारकामाई में बैठे-बैठे ही अपने हाथ से उस बच्चे को भट्टी में गिरने नहीं दिया और अपना पूरा हाथ जला लिया|  

चाँद की खोई घोड़ी मिल गयी

चाँद बाबा एक मुसलमान युवक अपनी घोड़ी के लिए बहुत चिंतित था| वह सारे जंगल में चारो तरफ बिजली नामक उस घोड़ी को ढूँढ रहा था पर बहुत ढूँढने के बाद भी वह घोड़ी को ढूँढ नहीं पाया| और निराश होकर घर के लिए वापस जा रहा था कि अचानक उसकी नज़र पेड़ के नीचे बैठे एक फ़क़ीर पर पड़ी वह फ़क़ीर कोई और नहीं, साईं नाथ थे| उन्होंने चाँद से उसकी चिंता का कारण पुछा तो चाँद ने बाबा को अपनी घोड़ी खोने के बारे में बाबा को बताया| यह सुनकर बाबा ने दो तीन-बार बिजली-बिजली कहकर पुकारा और कुछ ही देर में बिजली घोड़ी वहां अपने आप आ गयी| यह चमत्कार देख चाँद स्तब्ध रह गया और बाबा के चरणों में गिर गया|  

नीम वृक्ष की पत्तिया मीठी

नीम वृक्ष अपनी कडवी पत्तियों के लिए जाना जाता है लेकिन द्वारकामाई, शिरडी में नीम वृक्ष, जिसके नीचे साईं नाथ बैठा करते थे की पत्तियों में कडवाहट नहीं हैं| यह पेड़ आज भी वहां मौजूद हैं और इस नीम के पेड़ की पत्तियां आज भी मीठी है|   

साईं सत्चरित्र

साईं सत्चरित्र नामक ग्रन्थ में बाबा की सम्पूर्ण जीवनी और लोगो पर उनके किये सभी उपकारो का वर्णन हैं| इस ग्रन्थ की रचना बाबा के भक्त हेमांनद पन्त ने की थी|

Shirdi sai baba temple 
Sai Baba
Sai Baba Temple Shirdi
     

12/06/2015

About Warren Buffett life in Hindi

वॉरेन बफेट(Warren Buffett)

Warren Buffett
Warren Buffett
वॉरेन बफेट(Warren Buffett) को सारी दुनिया में शेयर बाजार के बेताज बादशाह के नाम से जाना जाता हैं| उनका जन्म 30 अगस्त, 1930 को ओमाहा (Omaha), नेब्रास्का, संयुक्त राज्य अमेरिका में हुआ था| वॉरेन बफेट(Warren Buffett) को शेयर बाज़ार (stock market) की दुनिया में सबसे बड़े निवेशकों में से एक माना जाता है वॉरेन वॉरेन बफेट(Warren Buffett) बर्कशायर हैथवे कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) और सबसे बड़े शेयर धारक भी हैं। 11 फरवरी, 2008 को  62 अरब अमेरिकी डालर की कुल संपत्ति (net worth) के कारण उन्हें फोर्ब्स (Forbes) के द्वारा दुनिया का सबसे अमीर आदमी (richest person in  world) आंका गया था।

वॉरेन बफेट(Warren Buffett) एक बहु चर्चित परोपकारी भी है। 2006 में उन्होनें अपनी संपत्ति का 83% बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (Bill & Melinda Gates Foundation) को  दान में दे दिया था। 2007 में उन्हें टाइम (Time) द्वारा संसार के 100 सबसे ज्यादा प्रभावशाली व्यक्तियों (100 Most Influential People in this world) में शामिल किया गया था।वह ग्रिनेल्ल कालेज (Grinnell College) के न्यासियों बोर्ड के सदस्य हैं।

वॉरेन वॉरेन बफेट(Warren Buffett) का प्रारंभिक जीवन

वॉरेन वॉरेन बफेट(Warren Buffett) के माता-पिता का नाम हावर्ड और लीला था। उनके पिता एक स्थानीय शेयर बाज़ार के दलाल थे| अपने पिता की वजह से ही वॉरेन बफेट(Warren Buffett) का बहुत कम उम्र में ही शेयर बाज़ार ज्ञान हो गया था। बेंजामिन ग्राहम (Benjamin Graham) जो की खुद शेयर बाज़ार के बहुत बड़े और सफल  निवेशक थे उनके प्रभावशाली परामर्शदाता थे। ग्राहम के विचारों नें वॉरेन बफेट(Warren Buffett) को इतना अधिक प्रभावित किया कि उन्होंने ग्राहम से शिक्षा प्राप्त करने के उद्देश्य से कोलंबिया प्रबंध स्कूल (Columbia Business School) में दाखिला ले लिया । ग्राहम से ही उन्होंने यह शिक्षा ली थी कि शेयर को एक व्यवसाय की भांति देखना, बाज़ार के उतार चढाव को अपने लाभ के लिए उपयोग करना और सुरक्षा की गुंजाईश बनी रहे इसकी इच्छा  रखना, ये सभी बाज़ार में निवेश करने के मूलभूत सिद्धांत हैं। वॉरेन वॉरेन बफेट(Warren Buffett) ने 1947 में वूड्रो विल्सन हाई स्कूल, वॉशिंगटन, डीसी से हाई स्कूल की शिक्षा प्राप्त की थी| नेब्रास्का विश्वविधालय (University of Nebraska) से 1950 में बी0 एस0 की शिक्षा ली थी| उसके बाद 1951 में कोलंबिया विश्वविधालय (Columbia University) से अर्थशास्त्र में एम्0एस0 उत्तीर्ण किया था|   

1951 से 1954 तक वॉरेन बफेट(Warren Buffett) ने फाल्क एंड कंपनी, ओमाहा (Omaha) में एक निवेश विक्रेता के रूप में नौकरी की थी| उसके बाद 1954 से 1956 तक ग्राहम-न्यूमैन कार्पोरेशन, न्यूयॉर्क नाम की कंपनी में प्रतिभूति विश्लेषक के पद पर कार्यरत थे| 1956 से 1969 तक वॉरेन बफेट(Warren Buffett) ने पार्टनरशिप लिमिटेड, ओमाहा नाम की कंपनी में सामान्य साझेदार के पद पर कार्य किया| 1970 से वर्तमान समय तक बर्कशायर हैथवे (Berkshire Hathaway Inc), ओमाहा नाम की कंपनी में अध्यक्ष (Chairman), सीईओ (CEO) के पद पर आसीन हुए| वॉरेन बफेट(Warren Buffett) ने 13 वर्ष की छोटी सी आयु में ही अपना पहला आयकर विवरण दायर कर दिया था|

1952 में 22 वर्ष की आयु में सुसन थोम्पसन (Susan Thompson) नाम की महिला से विवाह किया| 1954 में 24 वर्ष की आयु में बेंजामिन ग्राहम (Benjamin Graham) नें उन्हें 12000 डालर प्रतिवर्ष के प्रारंभिक वेतन पर अपनी कंपनी में नौकरी पर रख लिया| वॉरेन बफेट(Warren Buffett) और सुसन के तीन बच्चे हैं| जिनमे एक लड़की और दो लड़के हैं| 2006 में 75 वर्ष की आयु में वॉरेन बफेट(Warren Buffett) की पत्नी सुसन का निधन हो गया|

वॉरेन बफेट(Warren Buffett) का नाम से आज दुनिया में हर एक व्यक्ति वाकिफ हैं| इस शेयर बाज़ार के बादशाह ने अपने अन्दर विधमान कुछ ख़ास शक्तियों के बल पर पूरे विश्व पर विजय पाई और दुनिया के सबसे अमीर तथा सबसे बड़े दानी होने का गौरव हासिल किये|

वॉरेन बफेट(Warren Buffett) के अन्दर ये अभूतपूर्व शक्तियां निम्नलिखित हैं|

मितव्ययिता:-

वॉरेन बफेट(Warren Buffett) की सबसे बड़ी शक्ति उनकी मितव्ययिता हैं| वॉरेन बफेट(Warren Buffett) बचत करने में विश्वास रखते हैं और फिजूलखर्ची करने से हमेशा बचते हैं| उन्होंने अपने जीवनकाल में कभी अपना निवास स्थान नहीं बदला| वह आज भी अपनी वर्षो पुरानी कार ही चलाते हैं और इस कार को चलने के लिए वॉरेन बफेट(Warren Buffett) ने कोई ड्राईवर भी नहीं रखा हैं| वह इसको खुद ही ड्राइव करते हैं|

जोखिम उठाने की क्षमता:-

वॉरेन बफेट(Warren Buffett) शेयर बाज़ार में बड़े-बड़े जोखिम उठाने पर विश्वास रखते हैं| वह बड़े-बड़े जोखिम बड़ी जल्दी-जल्दी उठा लेते हैं और परिणामस्वरूप उसका कई गुणा फल भी उन्हें मिलता हैं|

चतुर निवेशक:-

वॉरेन बफेट(Warren Buffett) जोकि शेयर बाज़ार के बहुत बड़े निवेशक हैं बड़ी चतुराई से अपने शेयर में निवेश करते हैं| बाज़ार को समझने की जो कला उनके पास हैं वह बड़े-बड़े मुद्रा निवेशको से मीलो आगे हैं|

सादगी भरा जीवन:-

वॉरेन बफेट(Warren Buffett) अपने पास सेल फ़ोन नहीं रखते हैं, उनकी मेज़ पर कोई कम्प्यूटर भी नहीं है और उनकी अपनी पुरानी कार  कैडिलैक डीटीएस (Cadillac DTS) के लिए कोई ड्राईवर भी नहीं रखा हैं| वह बहुत सादगी भरा  जीवन जीने में विश्वास रखते हैं|

परोपकारी:-

वॉरेन बफेट(Warren Buffett) की गणना एक विशाल ह्रदय वाले परोपकारी इंसान के रूप में होती हैं| उन्होंने गरीबो के हित के लिए अपनी संपत्ति का एक बहुत बड़ा हिस्सा दान में दे दिया|

दानवीर: वॉरेन बफेट(Warren Buffett) इस दुनिया के पहले सबसे बड़े दानी हैं जिन्होंने अपनी संपत्ति का सबसे बड़ा भाग दान में दे दिया हो|

दूरदर्शी: वॉरेन बफेट(Warren Buffett) बहुत दूर की सोचते हैं और शेयर बाज़ार में वह अपनी दूरदर्शिता के बल पर बड़े-बड़े दाव लगते हैं|  

ऊर्जावान: वॉरेन बफेट(Warren Buffett) हमेशा ऊर्जा से भरे होते हैं| उन्होंने भरपूर ऊर्जा से जीवन भर कठिन परिश्रम किया और आज 85 वर्ष की आयु में भी उनकी ऊर्जा किसी नौजवान से कम नहीं हैं|

शिष्य:

वॉरेन बफेट(Warren Buffett) अपने गुरु बेन्जेमिन ग्राहम के आज्ञाकारी शिष्य थे| इसी कारणवश उन्होंने अपने गुरु से शेयर बाज़ार की सभी बारीकियां बड़ी तलीनता से सीख ली|

पुरानी चीजों से लगाव

वॉरेन बफेट(Warren Buffett) को अपनी सभी पुरानी चीजों से बहुत लगाव हैं| यधपि उनके पास धन की कोई भी कमी नहीं हैं, पर आज भी वह अपनी पुरानी खरीदी हुई सभी चीजों को अपने पास संजोये हुए हैं|

आओ हम सब वॉरेन बफेट(Warren Buffett) की इन शक्तियों पर गंभीरता से विचार कर अपने जीवन में अपनाने की कोशिश करें और इन शक्तियों के बल पर अपने आप को सफल व्यक्तियों की कतार में खड़ा होने का भरसक प्रयास करें|